Har Dard Aur Halaat Ko Mera Masih Hi Janta
हर दर्द और हालात को
मेरा मसीह ही जानता
मेरे कदम, मेरी आवाज़
मेरा मसीह पहचानता -2
रोती रही थी रूह मेरी
तुम न थे मेरे सामने -2
तुम आये तो दिल झूम उठा -2
तुममें खो जाना मांगता
हर दर्द और हालात को
मेरा मसीह ही जानता
मैं ढूंढता था प्यार को
मिलता न कोई यार था -2
तुम जो बने मेरे हमसफ़र -2
हर रास्ता पहचानता
हर दर्द और हालात को
मेरा मसीह ही जानता
करता रहूँगा प्यार मैं
सांसें मेरी जब तक रहे -2
हर पल तू मेरे साथ हो -2
बस ये दुआ मैं मांगता
हर दर्द और हालात को
मेरा मसीह ही जानता
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