Jalte Chirag Gul Na Ho
जलते चिराग गुल न हो बुझते दिये जलाओ तुम प्रेम की ज्योति कम न हो गाओ ये गीत गाओ तुम
किसने ये तुमसे कह दिया अपनों से ही प्यार करो -2 दुश्मन को भी ऐ दोस्तों -2 अपने गले लगाओ तुम
छोड़ो इन भेदभाव को छोड़ो इस ऊँच नीच को -2 एक ही खुदा की हो औलाद -2 दुनियाँ को यह दिखाओ तुम
झंडा मसीह का हो बुलंद उसका हो नाम सर बुलंद -2 सच्चे मसीह जवां बनो -2 नाम-ए-मसीह फैलाओ तुम