Kalvari Ke Pass Khada Ho

Kalvari Ke Pass Khada Ho

कलवरी के पास खड़ा हो
खून की धार को देखता जा
तेरे पापों का यही दाम
दिया है मसीह यीशु ने
हर एक आँख उसे देखेगी देखेगी
बादलों पर आते हुए
छेदा था जिन्होंने उसे
छाती पीटकर सिजदा करेंगे
यह हुआ सब तेरे लिये
तूने भी उसे छेदा था
फिर भी प्यार से वह बुलाता
जाता क्यों नहीं पास उसके
ऐ नादान क्यों जाता उदास
कर कबूल चश्मे में नहा
सारे दाग मिटा पापों के
रहेगा आराम और खुशी से
जल्दी वक्त गुजरता जाता है
रात अंधेरी आती है
तौबा का दरवाजा होगा बन्द
कुछ न होगा फिर पछताने से
कबर का वह तोड़कर बन्द
ऊपर गया भेजा रूह-ए-पाक
तुम्हें लेने जल्दी आता है
हो तैयार उससे मिलने को

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