Kitna Hasin Wada Ye
कितना हसीन वायदा ये
किया खुदावंद ने -2
जहाँ दो या तीन जमा हों
मैं हूँ हाजिर उनमें आ. आ. आ
तुझे अकेला न छोडूँ मैं रूह अपनी भेजूँ -2
तुझे अनाथ भी न छोडूँ इक मददगार भेजूँ
यीशु के सिवा यह कब है बात कही किसने
दस्तक वो देता है चाहे हर दिल में आना -2
भरता उसको रूह से अपनी जिसने उसे जाना
जिसका बने है माली वो कलियां लगे खिलने
रूहे पाक जो हाजिर है और कहे खुशामदीद -2
इज्जत दौलत हश्मत जिसकी उसकी करे तमज़ीद
रूह के शोले बरसे जब फिर बदन लगे जलने
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