Main Banu Kabil Ki Mujhme Aaye Tu
मैं बनूँ काबिल कि मुझमें आए तू ऐ पाक रूह, ऐ पाक रूह -2
मैं बुराई पर बुराई करता रहा कैसे तेरा नाम लूँ, डरता रहा? -2 कह रहा हूँ मैं, बुराईयां दूर कर तू ऐ पाक रूह, ऐ पाक रूह -2 मैं बनूँ काबिल कि मुझमें आए तू ऐ पाक रूह, ऐ पाक रूह -2
मेरे अन्दर झूठ का तूफ़ान है बोलता हूँ झूठ ही, मेरी पहचान है -2 कैसे कह सकता हूँ मैं, ये जुस्तजू? ऐ पाक रूह, ऐ पाक रूह -2 मैं बनूँ काबिल कि मुझमें आए तू ऐ पाक रूह, ऐ पाक रूह -2
इस तरह तुझको बुलाते हैं सभी आता नहीं मैले दिलों में तू कभी -2 मैंने तौबा कर लिया, दिल ये करता आरजू ऐ पाक रूह, ऐ पाक रूह -2 मैं बनूँ काबिल कि मुझमें आए तू ऐ पाक रूह, ऐ पाक रूह -2
Main Banu Kabil Ki Mujhme Aaye Tu
बहुत ही सुन्दर भजन, प्रभु की महिमा हो।