Pag Pag Badhte Jana Hai
पग पग बढ़ते जाना है जीवन पथ पर बढ़ना है रुकना कभी ना राहों में हर पल बढ़ते जाना है
काँटों की राह बनाई जग ने इसपे चलना है तुझको क्रूस तुझे देगी ये दुनियाँ उसको उठाना है तुझको सम्भल के बढ़ना राहों में पीछे न हटना राहों में रुकना कभी ना राहों में हर पल बढ़ते जाना है
तुझको डरायें काली घटाएँ फिर भी रुकना न हरगिज जिस पल रूह भी राह बनाए उससे हटना न हरगिज अपना ही क्रूस उठाना है कलवरी राह पे चलना है रुकना कभी ना राहों में हर पल बढ़ते जाना है