Bojh Utha Kandhe Par
बोझ उठा कांधे पर यीशु के पास आओ -2 वो है मुनज्जी तुम्हारा, गिरते हुओं का सहारा
मेरा जुआ है हल्का तुम्हारा वजन है भारी -2 मैं हूँ नम्र दिल का, तुम हो निर्बल प्राणी मेरे से आकर सीखो, मैं हूँ तुम्हारा साथी
तुम में से प्यासा है जो, मुफ्त में पानी पी ले -2 और जो भी है भूखा, आकर तृप्त हो जाए यीशु पुकार रहा है, मेरे पास आओ
जो मेरे पीछे आए, अपनी सलीब उठाए -2 जो मेरा बनना चाहे, अपने को सूली चढ़ाए यीशु का वचन यही है यीशु की आज्ञा यही है -2