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Wednesday, April 24, 2024

Chaak Par Apni Rakh Mujhe

Chaak Par Apni Rakh Mujhe

चाक पर अपनी रख मुझे, रूप अपना येशु दे मुझे
जलाल का अपने बर्तन बना
आकार दे अपने हाथो से, तेरी मर्जी हो पूरी मुझसे
एक ऐसी मशक मुझको बना -2
फरियाद ये तुझसे खुदा, मुझको उठा, मुझको बना
फरियाद ये तुझसे खुदा, मुझको उठा, मुझको बना
भरदे रूह से, अपनी सामर्थ से
पंखो में अपने छुपा
मिट्टी बेजान हूँ, मुझको उठाले, हाथों से अपने बना -2
बिगड़ न जाऊं मैं, बिखर न जाऊं मैं
तेरे हाथों में ही रहना चाहूँ मैं
दुनियां की भीड़ में, कहीं खो न जाऊं मैं
इस भीड़ में कुचल ना जाऊं मैं -2
अपने साये में मुझको छुपा
अपने हाथों से मुझको सजा -2
भरदे रूह से अपनी सामर्थ से
पंखो में अपने छुपा
मिट्टी बेजान हूँ, मुझको उठाले, हाथों से अपने बना -2
महफ़ूज़ हूँ मैं तेरे, साये में खुदा
तेरा हाथ मैं कभी न छोडूंगा -2
अपने साये में मुझको छुपा
अपने हाथों से मुझको सजा -2
और भरदे रूह से, अपने सामर्थ से, पंखो में अपने छुपा
मिट्टी बेजान हूँ, मुझको उठाले, हाथों से अपने बना -2

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