Guzri Zindagi Ko Jab Yaad Karta Hun
गुजरी जिंदगी को जब याद करता हूँ
आँसुओं के साथ तुझे धन्य कहता हूँ
अब्बा तेरी जय हो, राजा तेरी जय हो
मैं अनाथ भटका और खोया हुआ था
न रोना कहके मुझे गले लगाया
अब्बा तेरी जय हो, राजा तेरी जय हो
सारे विरोधों को करके दूर
हर समय स्तुति से रखा भरपूर
अब्बा तेरी जय हो, राजा तेरी जय हो
तकलीफ सहने की शक्ति तूने दी
जीवन की शुद्धता में रहनुमाई की
अब्बा तेरी जय हो, राजा तेरी जय हो
रोज रोज भोजन से तृप्त किया है
रोज रोज तन को मेरे तूने ढका है
अब्बा तेरी जय हो, राजा तेरी जय हो
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