Khushi Nasib Huyi | Jo Bhi Dhanwan
ये ख़ुशी क्या चीज़ है मालूम क्या? दिलकशी क्या चीज़ है, मालूम क्या? जी रहे हैं सिर्फ जीने के लिए अजी ज़िन्दगी क्या चीज़ है मालूम क्या?
जो भी है धनवान वो भी खुश नहीं जो भी है बेरोज़ीरोटी खुश नहीं माल-ओ-दौलत खूब जो भरते हैं लोग ज़ुल्म औरों पर किया करते हैं लोग अपने गद्दे किस लिए भरते हैं लोग? भर के गद्दे फिर भी तो मरते हैं लोग
ख़ुशी नसीब हुई… ख़ुशी नसीब हुई, है किसे ज़माने में? न बेकसी में, न दौलत के कारख़ाने में -2
है यहाँ बिमारियों के सिलसिले रोज़मर्रा खर्च के हैं मसले ख़ानदानों में है रिश्ते टूटते लोग हैं एक दूसरे पे थूकते घास के एक फूल सा है आदमी सुबह खिल के, शाम को मुर्झा गया ये कलाम-ए-हक़ है सच्चा और अटल और मुआफिज़ उसका जो इसका हुआ इसका हुआ, इसका हुआ ख़ुशी नसीब हुई… ख़ुशी नसीब हुई, है किसे ज़माने में? न बेकसी में, न दौलत के कारख़ाने में -2
जादू-टोना वहम है दिल में बसे सैंकड़ों बरसों से हैं ये सिलसिले सोचा दिल ने ऐसी बातें देखकर मैं परिंदा होता गर बे-बाल-ओ-पर पहुँचता उड़कर बया बांके नगर मिलती तस्की और वो बाल-ओ-सेम-पर -2 जादू-टोने से ख़ुशी किसको मिली और मुश्किल में फंसी है ज़िन्दगी ज़िन्दगी, ज़िन्दगी ख़ुशी नसीब हुई… ख़ुशी नसीब हुई, है किसे ज़माने में? न बेकसी में, न दौलत के कारख़ाने में -2
दोस्त मेरे इतनी हिम्मत कीजिये कलमा-ए-हक़ पर यकीं कर लीजिये है यही वाहिद उम्मीद-ए-ज़िन्दगी बात सच है जो भी है इसमें लिखी और जो कलमा मुज़स्स्म था हुआ जिसको सबने इब्न-ए-मरियम ही कहा फ़जल-ओ-हक़ के रूह से था वो भरा वो अज़ल ही से खुदा के साथ था ला के ईमान उसको दुःख बतलाइए वो हिफाज़त का किला है आइए आइए, आइए ख़ुशी नसीब हुई… ख़ुशी नसीब हुई, है किसे ज़माने में? न बेकसी में, न दौलत के कारख़ाने में -2
उसके साए में ही हम महफूज़ हैं उसकी नज़रों में सदा मल्हूक हैं इस ख़ुशी का इल्म हासिल कीजिये बेहतरी का इल्म हासिल कीजिये आफतें अज़्ली न हो इशरत जहाँ ज़िन्दगी का इल्म हासिल कीजिये -2 कीजिये, कीजिये ख़ुशी नसीब हुई… ख़ुशी नसीब हुई, है किसे ज़माने में? न बेकसी में, न दौलत के कारख़ाने में -2
Khushi Nasib Huyi | Jo Bhi Dhanwan | Qawwali
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