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Rooh Aur Dulhan Kahti Hai

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Rooh Aur Dulhan Kahti Hai

लेने आएगा, यीशु लेने आएगा -2 
रूह और दुल्हन कहती है 
यीशु लेने आएगा -2 
अपनी कलीसिया को वो -2 
साथ ले जाएगा 
रूह और दुल्हन कहती है 
यीशु लेने आएगा
बर्रा के लहू से जो धुल जाएगा 
जान देने तक जो वफ़ा निभाएगा -2 
सोने का ताज़ यीशु -2 
उनको पहनाएगा 
रूह और दुल्हन कहती है 
यीशु लेने आएगा
आमद-ए-सानी के मुंतज़िर हो जाओ 
यीशु फिर से आने को है ये बताओ -2 
सोएंगे जो यीशु में -2 
उनको वो जिलाएगा 
रूह और दुल्हन कहती है 
यीशु लेने आएगा
आख़िरी नरसिंगा की आवाज़ सुनेंगे 
बादलों पे आते बादशाह को देखेंगे -2 
तख़्त-ए-आसमानी पे -2 
हमको वो बैठाएगा 
रूह और दुल्हन कहती है 
यीशु लेने आएगा -2 
अपनी कलीसिया को वो -2 
साथ ले जाएगा 
रूह और दुल्हन कहती है 
यीशु लेने आएगा

Rooh Aur Dulhan Kahti Hai

Worshiper: Evg Nabia Kaleem, Sobia Furqan and Maryam Faryad

Lyrics: Yasir Anwar

Composition: Fahad Khan


उर्दू शब्दों के अर्थ

बर्रा = मेमना। आमद = आगमन, आने की ख़बर, आने के संकेत। सानी = द्वितीय, दूसरा। मुंतज़िर = जिस की प्रतीक्षा की जा रही हो, जिस के आने की आशा हो। तख़्त = सिंहासन।

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