Saare Aalam Ke Gunahon Ka Kaffara Tu Hai Lyrics
सारे आलम के गुनाहों का कफ़ारा तू है ऐ मसीहा बेसहारों का सहारा तू है
देखना है जब खुदा को तो देख लूँ तुझको -2 जीती यादों पे खुदा का वो नज़ारा तू है
गर्दिशे मौज बनाकर और तूफाँ सारे-2 मेरी खोई हुई कश्ती का किनारा तू है
बनते हैं दोस्त जो दुश्मन तो बन ही जाने दो-2 बन गया दोस्त मसीहा तो हमारा तू है
Saare Aalam Ke Gunahon Ka Kaffara Tu Hai
0 Comments