Main Jiski Aaradhana Karun
मैं जिसकी आराधना करूँ -2 वो मिट्टी का कोई पुतला नहीं मैं जिसकी प्रशंसा करूँ वो पत्थर का कोई टुकड़ा नहीं वो चाँदी का कोई मुखड़ा नहीं वो है जिंदा खुदा, वो मसीहा मेरा
सूली पर जान दी मेरे लिए तीसरे दिन जी उठा मेरे लिए -2 हे मृत्यु तेरा डंक कहाँ हे कब्र तेरी शक्ति कहाँ कब्र जिसको थाम न सके मृत्यु जिसको रोक न सके ऐसा वैसा वो खुदा ही नहीं -2
जब मैं पुकारूँ, वो सुनता मेरी परेशानी में मदद करता मेरी -2 न सोता है वो न उँघता कभी साथ में रहे हाथ थामे मेरे कान जिसके हो पर सुन न सके आँख जिसकी हो पर देख न सके -2 ऐसा वैसा वो खुदा ही नहीं
Main Jiski Aaradhana Karun