Apne Lahu Se Dho Do Masiha
अपने लहू से धो दो मसीहा
मन मैला मैं लाया हूँ -2
अर्पण करने अपना सब कुछ -2
पास तुम्हारे आया हूँ
भटका फिरा मैं ये जग सारा
दुनियाँ ने मुझको ठोकर मारी
पास तुम्हारे पहुँच न पाया
मिलने से मैं शर्माया हूँ
रात अन्धेरी, सूनी डगर हूँ
तेरे नगर की राह कठिन है
चलते -2 थक न जाऊँ -2
पग-पग ठोकर खाया हूँ
पाप की गठरी भारी मुझ पर
देख गिरा हूँ बोझ से दबकर
हाथ पकड़ कर मुझको उठाले
तेरी शरण में आया हूँ
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