Aye Bojh Se Dabe Huye
ऐ बोझ से दबे हुए लोगो तुम
पाओ मेरे पास विश्राम तुम -2
मैं चला फिरा हूँ उन राहों पर
जो सताए तुमको हर मोड़ पर -2
जगत को जीत कर पाई मैंनें फतह
निराश न हो तुम चलो मेरी तरह
गुनाह की कीमतें चुकाते तुम थक गए
विनाश के कगार पर खड़े हुए -2
मेरा यह खून बह गया सलीब पर
जो जिन्दगी को पाक और साफ कर
प्रेम को तुम इस जहाँ में ढूँढते
झूठ व फरेब प्राप्त हो सके -2
बचाने को तुम्हे क्रूस चढ़ गया
मैं बहुत ही जल्द लौट आता हूँ
पिता से अपने तुमको मैं मिलाता हूँ -2
थोड़ा-सा और इन्तजार कर सको
औरों को भी मैं मौत से बचा सकूँ