Jangli Darkhton Ke Darmiyan
जंगली दरखतों के दर्मियान
एक सेब के पेड़ के समान
नज़र आता है मुझे ऐ मसीह
सारे सन्तों के बीच में तू
हम्द करूँ तेरी ऐ प्रभु
अपने जीवन भर इस
जंगल के सफर में
गाऊँ शु़क्र गुजारी से मैं
तू ही है नरगिस खास शारोन का
हाँ तू सोसन की वादियों का
सन्तों में तू है अति पवित्र
कैसा कामिल और शान से भरा
इत्र के समान है तेरा नाम
खुशबू फैलाता है जहाँ में
तंगी, मुसीबत और बदनामी में
बना खुशबूदार तेरे समान
घबराहट की लहरों से गर
डूबूँ दुःखों के सागर में
अपने ज़ोरावर हाथों को बढ़ा
मुझे अपने सीने से लगा
अभी आ रहा हूँ तेरे पास
पूरी करने को तेरी मर्ज़ी
ताकि दे दूँ मैं काम को अंजाम
पाऊँ तेरे दीदार में इनाम