Jo Pita Ne Ropa Nahin
जो पिता ने रोपा नहीं उखाड़ा जाएगा ज़िन्दगी का यह तंबू उखाड़ा जाएगा -2
कोख में अपने हाथों से तुझे संवारा था न जाने कितने ही उसने सपने सजाया था -2 पर हुआ क्या? -2 आज तेरा जीवन उजड़ गया बर्बादी के जाल में तू क्यों ही फंस गया जो पिता ने रोपा नहीं...
जब उसने रोपा था तुझको अपने बाग़ में कितनी अच्छी लता थी कितनी अच्छी डाली थी -2 पर हुआ क्या? -2 डालियाँ ये जंगली हो गई मीठे फल के बदले देखो कड़वे फल लगे जो पिता ने रोपा नहीं...
यह बदन है तेरा बन्दे ईश्वर का भवन महिमा और सम्मान से किया था परिपूर्ण -2 पर हुआ क्या? -2 उजड़ गया यह ईश्वर का मंदिर नाथ का निवास अब तो हो गया खंडहर जो पिता ने रोपा नहीं...
Jo Pita Ne Ropa Nahin
Lyrics and Music : Anil Dev
Singer : J. Sebastian, Srishti Sumit