Krus Uthakar Khoon Bahakar
क्रूस उठाकर, खून बहाकर तुमने किया हमें प्यार-यीशु तुमने दिया उद्धार
सृष्टिकर्त्ता हमारे घर आये ज्योति जगत में लाये -यीशु फिर भी न हम पहचाने
कोड़े लिये तुमने, कपड़े फाड़े हमने काँटों का ताज पहनाये -यीशु फिर भी न हम पछताये
कुचला सताया, झूठा ठहराया विश्वास तुम पर न लाये -यीशु फिर भी क्षमा हम पाये
धरा लहू की, कलवरी पथ से बहती चली-चल आये -यीशु जीवनदान दिलाये
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