Rang Liya Mohe Rang Liya
रंग लिया मोहे रंग लिया -4
मोहे अपने लहू में रंग लिया, यीशु ने
दिया अपना मस्सा, दिया अपना ज़हन
मुझे अपना रूप दिया -2
दिया जीने को रंग, रंग रंग
रूहे पाक किया संग, संग संग
चौपान बना वो
दिया जीने को रंग, रूहे पाक किया संग
चौपान बना वो
इक अजब खुशी, इक अनोखा मज़ा
दिल जान बना वो, वो वो वो वो
संग लिया, मोहे संग लिया -2
मोहे संग लिया, यीशु ने
दिया अपना मस्सा, दिया अपना ज़हन
मुझे अपना रूप दिया
रंग लिया मोहे रंग लिया
वो ही प्यार का रूप, रूप रूप
चाहे छाँव या धूप, धूप धूप
यीशु है खुदा
वो ही प्यार का रूप
चाहे छाँव या धूप, यीशु है खुदा
वो ही देता है फल, उसमें नहीं छल
यीशु है वफा, आ आ आ आ
मांग लिया, मोहे मांग लिया
मोहे मांग लिया यीशु ने
दिया अपना मस्सा, दिया अपना ज़हन
मुझे अपना रूप दिया
रंग लिया मोहे रंग लिया
अब जीना मसीह, मसीह मसीह
और मरना नफ़ा, नफ़ा नफ़ा
जपता हूँ यही
अब जीना मसीह और मरना नफ़ा
जपता हूँ यही
यीशु के बिना, जीना क्या जीना
कहता हूँ यही, इ इ इ इ
अंग लिया हर अंग लिया -2
हर अंग लिया यीशु ने
दिया अपना मस्सा, दिया अपना ज़हन
मुझे अपना रूप दिया
रंग लिया मोहे रंग लिया
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