Sambhal Prabhu Ji
सम्भाल प्रभु जी जीवन के हर पल में
अभी तक हमको सम्भाला तू ने
आगे भी अगुवाई कर
जैसे मुर्गी बच्चों को पंखों तले छिपाती है
वैसे ही तेरी छाया शरण का है हमारा
वायदा यह तूने किया छोडे़ न कभी मुझे
खींचा है रूप मेरा हाथों में ही अपने
सनातन के हे यहोवा तू ही हमारा गढ़ है
तेरे वचन से हमारे जीवन ने ज्योति पाई
हे यीशु तेरा यह प्यार, वर्णन से भी है अपार
हाथों से हाथ मिलाया, आसमानी बाप से हमारा
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