Ye Suraj Chand Sitaare
ये सूरज चाँद सितारे धरती अंबर के सारे -2 हरपल करते हैं तेरी वंदना -2 अनमोल है प्रभु तेरी रचना रचना, रचना, रचना ये सूरज चाँद सितारे धरती अंबर के सारे -2
छुड़ाकर हमने दामन तेरा गुनाहों में बसा, क्या है बसेरा -2 आज भी बुलाता है हमें, तू क्यों? आज भी बुलाता है हमें देने को प्यार इतना -2 हरपल करते हैं तेरी वंदना -2 अनमोल है प्रभु तेरी रचना रचना, रचना, रचना ये सूरज चाँद सितारे धरती अंबर के सारे -2
तेरी महिमा गाते रहेंगे दुनियां की सब (हर) गलियों में -2 तेरा वचन है सागर से गहरा -2 भर देंगे हर दिल में -2 हरपल करते हैं तेरी वंदना -2 अनमोल है प्रभु तेरी रचना रचना, रचना, रचना ये सूरज चाँद सितारे धरती अंबर के सारे -2
Ye Suraj Chand Sitaare