(+91) 78328 78330

24/7

Himachal Pradesh

Kab Se Bula Raha Saleeb Se | Kamal Kumar Digal

Share This Lyrics

Kab Se Bula Raha Saleeb Se Lyrics

कब से बुला रहा सलीब से 
सुनता नहीं क्यों तू करीब से -2 
आ जा, तू आ जा 
आ के लिपट जा गले से -2 
कब से बुला रहा सलीब से 
सुनता नहीं क्यों तू करीब से -2
हर वो जख्म से टपकती जो बूंदें 
तुझको बचाने बहाई यीशु ने 
कोड़ों की मार से तन को बिखर के 
तुझको चंगाई दी है यीशु ने 
खून से रंगी हुई, वो हाथ से 
छूना चाहें तुझे, वो प्यार से -2 
आ जा, तू आ जा 
खुद को भीगा ले लहू से -2
कब से बुला रहा सलीब से… 
लहू की धारा जो बहती सूली से 
देती है मुक्ति, पापों के बंधन से
सारे बंधन से, सारे श्रापों से 
धो ले तू खुद को, यीशु के लहू से -2 
महसूस कर ले तू, उसे ज़रा 
आना चाहे द्वार, खोल ज़रा -2 
आ जा, तू आ जा 
मुँह न फिरा ले यीशु से -2 
कब से बुला रहा सलीब से… 

Kab Se Bula Raha Saleeb Se

Lyrics & Comp: Kamal Kumar Digal

Voice: Kamal Kumar Digal

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here