Kab Se Bula Raha Saleeb Se Lyrics
कब से बुला रहा सलीब से सुनता नहीं क्यों तू करीब से -2 आ जा, तू आ जा आ के लिपट जा गले से -2 कब से बुला रहा सलीब से सुनता नहीं क्यों तू करीब से -2
हर वो जख्म से टपकती जो बूंदें तुझको बचाने बहाई यीशु ने कोड़ों की मार से तन को बिखर के तुझको चंगाई दी है यीशु ने खून से रंगी हुई, वो हाथ से छूना चाहें तुझे, वो प्यार से -2 आ जा, तू आ जा खुद को भीगा ले लहू से -2 कब से बुला रहा सलीब से…
लहू की धारा जो बहती सूली से देती है मुक्ति, पापों के बंधन से सारे बंधन से, सारे श्रापों से धो ले तू खुद को, यीशु के लहू से -2 महसूस कर ले तू, उसे ज़रा आना चाहे द्वार, खोल ज़रा -2 आ जा, तू आ जा मुँह न फिरा ले यीशु से -2 कब से बुला रहा सलीब से…
Lyrics & Comp: Kamal Kumar Digal
Voice: Kamal Kumar Digal