Main Jo Duba Tha Gunahon Me Lyrics (Laut Aa Lyrics)
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मैं जो डूबा था, गुनाहों में था मैं मदहोश, जग की राहों में एक आवाज़ मुझको यूँ आई बेटे आ, ले लूँ मैं, बाहों में लौट आ, लौट आ लौट आ, लौट आ
कैसी मीठी मधुर थी, उसकी ध्वनी? मेरी खातिर सलीब राह चुनी वो था बे-'ऐब कुछ गुनाह न था था मेरे वास्ते, गुनाह जो बना प्यार ही प्यार था, निगाहों में था मैं मदहोश, जग की राहों में एक आवाज़ मुझको यूँ आई बेटे आ, ले लूँ मैं बाहों में
सब सहे जुल्म, खाए थे कोड़े चोर डाकू थे, आस पास खड़े दुश्मनों ने था ऐसा, जाल बुना बरमला उसका था तमाशा बना कील हाथों में, और थे पाँवों में था मैं मदहोश, जग की राहों में एक आवाज़ मुझको यूँ आई बेटे आ, ले लूँ मैं बाहों में लौट आ, लौट आ लौट आ, लौट आ
धार उसके लहू की फिर जो बही ज़िन्दगी असल में है देती वही प्यार की हद, न थी कोई इन्तहा उसके लहू से ही, मिली है शिफा बादशाह वो है, बादशाहों में था मैं मदहोश, जग की राहों में एक आवाज़ मुझको यूँ आई बेटे आ, ले लूँ मैं बाहों में लौट आ, लौट आ लौट आ, लौट आ
Main Jo Duba Tha Gunahon Me Tha Main Madhosh, Jag Ki Raahon Me Ek Aawaz Mujhko Yun Aayi Bete Aa, Le Lun Main Baahon Me Laut Aa, Laut Aa Laut Aa, Laut Aa
Kaisi Meethi Madhur Thi Uski Dhwani? Meri Khatir Saleeb Raah Chuni Wo Tha Be-Aib, Kuch Gunah Na Tha Tha Mere Waaste, Gunah Jo Bana Pyaar Hi Pyaar Tha, Nigahon Me Tha Main Madhosh, Jag Ki Raahon Me Ek Aawaz Mujhko Yun Aayi Bete Aa, Le Lun Main Baahon Me
Sab Sahe Zulm, Khaye The Kode Chor Daku The, Aas Paas Khade Dushmanon Ne Tha Aisa Jaal Buna Barmala Uska Tha Tamasha Bana Keel Hathon Me, Aur The Paanvon Me Tha Main Madhosh, Jag Ki Raahon Me Ek Aawaz Mujhko Yun Aayi Bete Aa, Le Lun Main Baahon Me Laut Aa, Laut Aa Laut Aa, Laut Aa
Dhar Uske Lahu Ki Fir Jo Bahi Zindagi Asal Me Hai Deti Vahi Pyaar Ki Had, Na Thi Koi Inthaa Uske Lahu Se Hi, Mili Hai Shifa Baadshah Wo Hai Baadshahon Me Tha Main Madhosh, Jag Ki Raahon Me Ek Aawaz Mujhko Yun Aayi Bete Aa, Le Lun Main Baahon Me Laut Aa, Laut Aa Laut Aa, Laut Aa
Main Jo Duba Tha Gunahon Me | Subhash Gill
मदहोश = नशे में धुत, बेसुध, मतवाला, निश्चेष्ट, गाफ़िल, उन्मत्त, आतंकित, भयभीत, हक्काबक्का, भोचक्का, हैरान, हतबुद्धि
बे-‘ऐब = निर्दोष, निर्मल, जिसमें कोई खोंट न हो।
वास्ते = कारण; हेतु; लिए।
बरमला = खुले-आम, सबके सामने, खुल्लमखुल्ला, मुँह पर, मन-माने ढंग या रूप से, जी भरकर
इंतहा = ख़त्म हुआ, विराम की जगह