Masiha Ke Dar Se Kahan Uth Ke Jaayen Lyrics
मसीहा के दर से, कहाँ उठ के जाएँ? -2
किसे अपने दिल की कहानी सुनाएँ? -2
मसीहा के दर से, कहाँ उठ के जाएँ?
मसीहा के दर से
किसे ज़िन्दगी से, मोहब्बत नहीं है? -2
मसीहा की किसको, ज़रूरत नहीं है?
ज़रूरत है यीशु को रहबर बनाएँ
उसे अपने दिल की कहानी सुनाएँ
मसीहा के दर से, कहाँ उठ के जाएँ?
मसीहा के दर से
तुम्हीं बेसहारों का, हो एक सहारा -2
तुम्हीं हो गम-ए-दो जहाँ का किनारा
सुने कौन तेरे सिवा अपनी आँहें?
उसे अपने दिल की कहानी सुनाएँ
मसीहा के दर से, कहाँ उठ के जाएँ?
मसीहा के दर से
Masiha Ke Dar Se Kahan Uth Ke Jaayen | Sunil Jaipuri
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