Mera Khudawand Vah Munji Masloob
यह कौन है ग़रीबी में पैदा हुआ यह कौन है सलीब पर कफ्फारा हुआ यह कौन है मुर्दों से जिंदा हुआ यह मेरा खुदावंद है मुंजी मसलूब
मेरा खुदावंद वह मुंजी मसलूब सुलह का शहज़ादा वह मुंजी मसलूब चरनी में आकर वह पैदा हुआ यह शाहों का शाह है मुंजी मसलूब
गड़रियों ने जिसको सिजदा किया शमाऊन ने जिसको गोद में लिया मजूसियों ने जिसको नजराना दिया वह मेरा खुदावंद है मुंजी मसलूब
दो साल का हुआ मिस्र देश भाग गया बारह साल का हुआ हैकल में आ गया तीस साल का यरदन में गोता लिया यह मेरा खुदावंद है मुंजी मसलूब
शैतान के कामों को नाश कर दिया चालीस दिन जंगल में उसे पस्त कर दिया सलीब पर उसका सिर बिल्कुल कुचल दिया यह मेरा खुदावंद है मुंजी मसलूब
हमारी खातिर सलीब पर मरा जख्मी घायल होकर कीलों से जड़ा यह उल्फल अजीब दरिया खून से भरा यह मेरा खुदावंद है मुंजी मसलूब
मुबारक हो मुर्दों से जिंदा हुआ मुबारक हो जिंदा आसमान पर चढ़ गया मुबारक हो रूह पाक को नाजिल किया यह मेरा खुदावंद है मुंजी मसलूब
जलाली हुआ वह जमाली हुआ बादशाहों का बादशाह आसमानी हुआ फिर आएगा लेने कमाली हुआ यह मेरा खुदावंद है मुंजी मसलूब
Mera Khudawand Vah Munji Masloob