Pahadon Pe Hanste Hain Masiha Ke Diwane
पहाड़ों पे हँसते हैं, मसीहा के दीवाने -2 पहाड़ों से कहते हैं, मसीहा के परवाने -2 यीशु नाम में उखड़ो, कलाम से उखड़ो -2 बीमारी के, लाचारी के, नादारी के पहाड़ों उखड़ो, उखड़ो, उखड़ो -4
उन चीज़ो को बुलाते हैं, जो नहीं के जैसे हैं नाउमीदी की हालत में, ईमान लाते हैं -4 ये ना जोर से है, और ना ताकत से है -2 पाक रूह की क़ुव्वत से कहते हैं उखड़ो, उखड़ो, उखड़ो -2
ईमान में मजबूत हैं, तमजीद करते हैं, खुदावंद के वादों पे, शक न करते हैं -4 वो लहू से धुले, और चट्टान पर खड़े वो लहू से धुले और ईमान से भरे वो लहू से धुले, और मसाह से भरे पाक रूह की क़ुव्वत से कहते हैं उखड़ो, उखड़ो, उखड़ो -2
मजबूत हैं पुर-ज़ोर हैं, बेदिल ना होते हैं, खुदा के बेटे-बेटियां शह-ज़ोर होते हैं -4 वो ईमान से भरे, और चट्टान पर खड़े -2 पाक रूह की क़ुव्वत से कहते हैं उखड़ो, उखड़ो, उखड़ो -2
Pahadon Pe Hanste Hain Masiha Ke Diwane | Ernest Mall