Rooh Aur Dulhan Kahti Hai
लेने आएगा, यीशु लेने आएगा -2 रूह और दुल्हन कहती है यीशु लेने आएगा -2 अपनी कलीसिया को वो -2 साथ ले जाएगा रूह और दुल्हन कहती है यीशु लेने आएगा
बर्रा के लहू से जो धुल जाएगा जान देने तक जो वफ़ा निभाएगा -2 सोने का ताज़ यीशु -2 उनको पहनाएगा रूह और दुल्हन कहती है यीशु लेने आएगा
आमद-ए-सानी के मुंतज़िर हो जाओ यीशु फिर से आने को है ये बताओ -2 सोएंगे जो यीशु में -2 उनको वो जिलाएगा रूह और दुल्हन कहती है यीशु लेने आएगा
आख़िरी नरसिंगा की आवाज़ सुनेंगे बादलों पे आते बादशाह को देखेंगे -2 तख़्त-ए-आसमानी पे -2 हमको वो बैठाएगा रूह और दुल्हन कहती है यीशु लेने आएगा -2 अपनी कलीसिया को वो -2 साथ ले जाएगा रूह और दुल्हन कहती है यीशु लेने आएगा
Rooh Aur Dulhan Kahti Hai
Worshiper: Evg Nabia Kaleem, Sobia Furqan and Maryam Faryad
Lyrics: Yasir Anwar
Composition: Fahad Khan
उर्दू शब्दों के अर्थ
बर्रा = मेमना। आमद = आगमन, आने की ख़बर, आने के संकेत। सानी = द्वितीय, दूसरा। मुंतज़िर = जिस की प्रतीक्षा की जा रही हो, जिस के आने की आशा हो। तख़्त = सिंहासन।
0 Comments