Tu Jab Likhna To Ye Likhna
तू जब लिखना तो ये लिखना
खुदा की मोहब्बत की गज़ल लिखना
अकेले जो तड़पते हैं
उन्हीं पे वो खुदा का फज़ल लिखना
आ आ आ आ
मसीह का खून स्याही हो
तेरा दिल पाक हो कागज़ -2
कलाम-ए-पाक लफ्ज़ों में
अब तक न लिखी वो गज़ल लिखना
तू पढ़ ले गज़ल तो मिल जाए
मोहब्बत में सुकून सबको -2
अकेले तन्हा रातों को तू मेरे
यीशु मे गज़ल लिखना
यदि आप हमारे इस कार्य में आर्थिक रीति से सहयोग देना चाहते हैं तो आप हमसे [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं। या UPI द्वारा [email protected] पर अपनी योगदान राशि भेज सकते हैं।