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Himachal Pradesh

Tu Sagar Hai Muaafi Ka

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Tu Sagar Hai Muaafi Ka Lyrics

तू सागर है, मुआफ़ी का 
तू दरिया है, मोहब्बत का
जो आएगा, वो पाएगा
शिफ़ा तुझसे, गुनाहों का -2
तू सागर है, मुआफ़ी का
गुनाहों से दबे लोगो 
वो कहता है, थके लोगो -2
कि आओ पास, तुम्हें दूंगा
सुकूं दिल में, डरे लोगो
अब उजड़े हर, चमन का तू
बना मौसम, बहारों का
जो आएगा, वो पाएगा
शिफ़ा तुझसे, गुनाहों का
तू सागर है, मुआफ़ी का
यूँ अब तुम जो, परेशां हो 
ऐ लोगो जो, पशेमाँ हो -2
छुड़ाया जब, मसीहा ने
तो फिर तुम क्यों, गुरेज़ाँ हो?
मिलेगा हल उसी में तुमको
अपने हर सवालों का
जो आएगा, वो पाएगा
शिफ़ा तुझसे, गुनाहों का
तू सागर है, मुआफ़ी का...
Tu Sagar Hai, Muaafi Ka
Tu Dariya Hai, Mohabbat Ka
Jo Aayega, Wo Payega
Shifa Tujhse, Gunahon Ka -2
Tu Sagar Hai Muaafi Ka
Gunahon Se Dabe Logo
Wo Kehta Hai, Thake Logo -2
Ki Aao Paas, Tumhen Dunga
Sukun Dil Me, Dare Logo
Ab Ujde Har, Chaman Ka Tu
Bana Mausam, Baharon Ka
Jo Aayega, Wo Payega
Shifa Tujhse, Gunahon Ka
Tu Sagar Hai Muaafi Ka
Yun Ab Tum Jo, Pareshan Ho
Aye Logo Jo Pashema Ho -2
Chhudaya Jab, Masiha Ne
To Fir Tum Kyon, Gurezaan Ho
Milega Hal Usi Me Tumko
Apne Har Sawalon Ka
Jo Aayega, Wo Payega
Shifa Tujhse, Gunahon Ka
Tu Sagar Hai Muaafi Ka...

Tu Sagar Hai Muaafi Ka

पशेमाँ – शर्मिंदा, लज्जित, अफ़सोस करने वाला, पछताने वाला

गुरेज़ाँ – अनिच्छुक, अलग रहने वाला, बचते हुए, भागता हुआ, भाग कर जाता हुआ, बचकर निकल जानेवाला, पास न आने वाला

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