Tujh Bin Mere Aye Masiha
तुझ बिन मेरे ऐ मसीहा ये जीवन भी क्या है? जो तेरे दर पे न आए ये जीना भी क्या है? -2
पापों का सागर ये कैसा बढ़ता ही जा रहा है -2 ऐसी दशा से बचा कर नैय्या पार लगा दे -2 तुझ बिन मेरे ऐ मसीहा…
जीवन मैं देता हूँ तुझको तेरा ही आस है मुझको -2 अपने गले से लगा कर अपनी राह पर चला दे -2 तुझ बिन मेरे ऐ मसीहा…
मार्ग, सत्य और जीवन यीशु प्रभु तू ही है -2 तेरे उस मार्ग में हम चलते रहेंगे हर दम -2 तुझ बिन मेरे ऐ मसीहा…
Tujh Bin Mere Aye Masiha | Vijay Benedict