Mere Bharat Pe Daya Karna | Vijay Benedict

Mere Bharat Pe Daya Karna | Vijay Benedict

दरबदर भटके रहे, दीन दुःखी लाचार
हर तरफ आतंक है, जात-धर्म की दीवार 
हो एकता प्यार 
येशुआ, येशुआ, येशुआ -2
जय हे, जय हे, जय हे -2 
मेरे भारत पे दया करना
सृष्टि के सृजनहार -2 
कोई नहीं बचाने वाला 
तुम बिन तारनहार -2 
मेरे भारत पे दया करना
सृष्टि के सृजनहार -2 
तोड़ दे नफ़रत की दीवार को 
भर दे हर दिल की दरार को 
घायल यहां, हर आग में
दे शिफा तू हर गुनहगार को -2
दे शिफा तू हर गुनहगार को
मेरे भारत की दुआ सुनना
है ये हमारी पुकार 
मेरे भारत पे दया करना
सृष्टि के सृजनहार
नाश हो रहे हैं, तेरे बिना 
हर कोई गैर, न कोई अपना 
आके तू ही, बचा ले प्रभु 
इन आंखों का, है यही सपना -2
इन आंखों का है यही सपना
मेरे भारत की रक्षा करना 
यीशु तू ही है उद्धार 
मेरे भारत पे दया करना
सृष्टि के सृजनहार
कोई नहीं बचानेवाला 
तुम बिन तारनहार -2 
मेरे भारत पे दया करना
सृष्टि के सृजनहार -2 
जय हो, जय हो, यीशु की, जय हो 
जय हो, जय हो, भारत की, जय हो 
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो

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