Dhanyawad Prabhu Dhanyawad
धन्यवाद प्रभु धन्यवाद प्रभु धन्यवाद धन्यवाद
यीशु जब झील से पहाड़ पे गया
आँख उठा के उसने बड़ी भीड़ को देखा
शागिर्द कहने लगे दिन है ढल गया
रूखसत करो इनको जाने दो खुदा
यीशु ने कहा इनको खाने को दो
कितना है तुम्हारे पास कहने लगे वो
पाँच रोटी, दो मछलियां -4
पाँच हजार लोगों को हम कैसे खिलाएं
कितने सौ दीनार की हम रोटी मगाएं -2
डरते-डरते फिर मगर किसी ने ये कहा
है यहाँ पे एक लड़का जिसके पास है
पाँच रोटी, दो मछलियां -4
घास पे यीशु मसीह ने सबको बिठाया
रोटियां ली और शुक्र किया बाँट दो कहा -2
पेट भरके सबने खाया खत्म न हुआ
हो गए हैरान सारे देख मोजज़ात
बारह टोकरी बच गयी जहाँ थी
पाँच रोटी, दो मछलियाँ -4
जीवन की रोटी के साथ खड़े थे
विश्वास कम था इसलिए वो डरे थे -2
यीशु के हाथ में दे दो हर बात
शक न करो करते रहो सिर्फ धन्यवाद
कुछ भी कमी न रह जायगी
महिमा प्रभु की हो जाएगी -2
धन्यवाद बोलो धन्यवाद प्रभु धन्यवाद