Bhar De Bhar De Mujhe
भर दे भर दे मुझे भर दे -2 पाक रूह पाक रूह मुझे अपने मसह से भर दे पाक रूह पाक रूह मुझे अपने फलों से भर दे
प्रेम आनंद शान्ति धीरज कृपा भलाई -2 विश्वास नम्रता और संयम -2 पाक रूह से भर जाएँ आत्मा के फल लाएँ प्रेम आनंद शान्ति धीरज कृपा भलाई भर दे भर दे मुझे भर दे
रूह के सबब से जिंदा हुए हैं रूह के मुताबिक चलते रहें उसके वचन पे अमल करें और मन जो चाहे वो न करें नसीहत रूह की मानें मसीह को अव्वल जाने -2 ख्वाईशों को अपनी क्रूस पे रखें -2 रूह के कामों में नहीं होती कभी बुराई
जैसे मसीह ने की है मोहब्बत और खुद को कुर्बान किया उसकी तरह हम बनते जाएँ ये उसने पैगाम दिया कहीं धोखा न खाना गुनाहों में न आना -2 खो न जाना दुनियाँ की राहों में -2 अंधेरा था पहले नई रोशनी आई प्रेम आनंद शान्ति धीरज कृपा भलाई
Bhar De Bhar De Mujhe
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