Mere Mangne Se Jyada
मेरे मांगने से ज्यादा मेरे सोचने से अच्छा मैंनें पाई है आशीष यीशु से मैं भटका हुआ मुसाफिर मेरी राहों में थी मुश्किल मैंनें पाई है मंजिल यीशु से
गैरों ने छोड़ा, अपनों ने भी ठुकराया वीरान थी जिंदगी आँखों में आँसू, तन्हाइयों की रातें मुश्किल में थी जिंदगी -2 तूने अपना लहू बहाया, गुनाहों को मेरे धोया मैंनें पाई है माफी यीशु से मैं भटका हुआ मुसाफिर, मेरी राहों में थी मुश्किल मैंनें पाई है मंजिल यीशु से मेरे मांगने से ज्यादा
जीवन ये मेरा है तेरे हवाले तूने ही दी हर खुशी जाऊँ जहाँ मैं दूं तेरी गवाही कितना अच्छा है तू मसीह -2 तूने बाहें फैलाई, मुझ को दे दी चंगाई मैंने पाई है शान्ति यीशु से मैं भटका हुआ मुसाफिर, मेरी राहों में थी मुश्किल मैंनें पाई है मंजिल यीशु से
Mere Mangne Se Jyada | Vijay Benedict