Mere Prabhu Jag Kartaar
मेरे प्रभु जग करतार मोहे अपने ही प्रेम से भर दे -2 मोहे अपने ही रंग में रंग दे मोहे अपने ही प्रेम से भर दे
प्रेम से छोड़ा स्वर्ग सिंहासन -2 प्रेम से कर ली मानुष देह धारण -2 तुम ही हो सत अवतार रे
अंधों को नैन भी, कोढ़िन को काया -2 मुर्दों को भी तुमने जिलाया -2 लीला तुम्हारी अपार रे
प्रेम हमे भी करना सिखा दो -2 ऐसी राह पे चलना सिखा दो -2 बिनती करत बार बार रे
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