Tum Jagat Ki Jyoti Ho
तुम जगत की ज्योति हो तुम धरा के नमक भी हो -2
तुमको पैदा, इसलिये किया तुमको जीवन, इसलिए मिला -2 उसकी मर्जी, कर सको सदा -2
वो नगर जो, बसते शिखर पर छुपता ही नहीं, किसी की नजर -2 तुम्हारे भले काम, चमके इस तरह -2
पड़ोसी से प्रेम, तुमने सुना है दुश्मनों से प्रेम, मेरा कहना है -2 तभी तुम संतान, परमेश्वर समान -2
आँख के बदले आँख, बुराई का सामना है फेरो दूसरा गाल, सह लो सब अन्याय -2 ऐसा जीवन ही, पिता को भाता है -2
Tum Jagat Ki Jyoti Ho | Shishye Thompson