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Saturday, September 30, 2023

Yatri Hun Main Jag Me Prabhu Ji

Yatri Hun Main Jag Me Prabhu Ji

यात्री हूँ मैं जग में प्रभुजी -2 
चलता हूँ मार्ग में तेरे -2
वो निशान, तू है यीशु जी -2 
बंदरगाह तू मेरा
हाँ बंदरगाह तू मेरा
सोचा था मैंने यह जग मेरा -2 
खेत कुटुम्ब सब है प्यारा -2 
धोखा सब! कोई न सहारा -2 
व्यर्थ ही व्यर्थ है सारा 
हाँ, व्यर्थ ही व्यर्थ है सारा 
यात्री हूँ मैं जग में प्रभुजी -2 
जान गया मैं उस दिन प्रभु जी -2 
बदला जीवन लहू से मेरा -2 
बड़ा आनंद! तू ने कहा था -2 
पाप क्षमा हुआ तेरा
हाँ, पाप क्षमा हुआ तेरा 
यात्री हूँ मैं जग में प्रभुजी -2 
अभी तो जग में, मैं हूँ मुसाफ़िर -2 
क्रूस उठाकर चलता रहूँगा -2 
पाया मैंने! अनमोल धन को -2 
है जो यीशु से भरा
हाँ, है जो यीशु जो भरा 
यात्री हूँ मैं जग में प्रभुजी -2 
आँख जब मेरी बंद हो जाए -2 
यात्रा मेरी पूरी हो जाए -2 
पहुँचूं मैं! स्वर्गीय वतन में -2 
यह गीत है अब मेरा
हाँ, यह गीत है अब मेरा 
यात्री हूँ मैं जग में प्रभुजी -2 
धन दौलत सब मान और इज्जत -2 
यहीं रहेगा जल जाएगा -2 
यह जगत! पाप से जो भरा -2 
श्राप ही श्राप है सारा
हाँ, श्राप ही श्राप है सारा 
यात्री हूँ मैं जग में प्रभुजी -2 
ऐसा कर प्रभु अन्त मैं जानूँ -2 
और जानूँ मेरी आयु के दिन को -2 
अब बता! कैसा अनित्य हूँ -2 
खेदित हूँ मैं पूरा
हाँ, खेदित हूँ मैं पूरा 
यात्री हूँ मैं जग में प्रभुजी -2 

Yatri Hun Main Jag Me Prabhu Ji

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