Ye Zindagi Charon Or Ka Safar
ये ज़िन्दगी, ये ज़िन्दगी चारों ओर का सफ़र छोड़ जाना, हमें एक दिन छिन गया, धन-दौलत एक पल में क्या भरोसा रहा, वो कल का ये ज़िन्दगी
टूट गए, हमारे सारे सपने ऊपर आसमां, नीचे ये ज़मीं दूर हुए, अपनों से एक क्षण में क्यों खुला तू हमें छोड़ दे ये ज़िन्दगी
बिखर गई हमारी ये ज़िन्दगी सालों से सागर ही हमसफ़र आज हम आँसू भरे दिल से पूछते हैं, क्या हुआ एक पल में ये ज़िन्दगी
बना ले तू यीशु को हमसफ़र ज़िन्दगी हमेशा की देगा तुम्हें पुनरुत्थान और जीवन वही है निराशा में आशा की किरण वो ही ये ज़िन्दगी…
Ye Zindagi Charon Or Ka Safar
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