Sar Nawate Hain Ham
सर नवाते हैं हम, ख्रिस्त आते हैं हम तेरे चरणों पर मस्तक, टिकाते हैं हम -2
उसने पापों को मेरे क्षमा कर दिया मेरे दामन के छीटों को भी धो दिया
उसने प्यासे को जीवन का जल दे दिया और भूखों को जीवन की रोटी खिला
उसने बोला डरो मत, जहाँ में कभी मैंने पा ली है, खुद ही जगत पर फतह
उसने क्रूस पर न्याय हमारा किया अपने ही खून से कर दी कीमत अदा