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Himachal Pradesh

Alfaz Hain Kam Aankhen Meri Nam

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Alfaz Hain Kam Aankhen Meri Nam Lyrics

अल्फाज़ हैं कम आँखें मेरी नम
ख्यालों में तेरे काम बेशुमार 
कैसे मैं कह सकूं, कैसे बयाँ करूँ 
तेरा प्यारा जो है, बे-इंतिहा
मेरी हर सांस तेरे नाम से, 
मसीहा है जुड़ी
मेरी इस जिंदगी की हर खुशी, 
मेहरबानी है तेरी -2
मेहरबानी है तेरी -4
टूटा सा, बिखरा सा, था मैं यूं ही पड़ा
बे-वजह जिंदगी को था जी मैं रहा -2
तेरा करम मुझ पर हुआ है
तू मेरे जीने की वजह है -2
मेरी हर सांस तेरे नाम से, 
मसीहा है जुड़ी
मेरी इस जिंदगी की हर खुशी, 
मेहरबानी है तेरी -2
मेहरबानी है तेरी -4
दिल में तू और जुबान पे है तेरा ही नाम
तेरे हाथों में है मेरे जिस्म-ओ-जान -2
महिमा तेरी, ना मुझसे जुदा हो, 
ऐसा फज़ल, मुझ पर खुदा हो -2
मेरी हर सांस तेरे नाम से, 
मसीहा है जुड़ी
मेरी इस जिंदगी की हर खुशी, 
मेहरबानी है तेरी -2
मेहरबानी है तेरी -4
ALFAZ HAIN KAM, 
ANKHEIN MERI NAM
KHAYALON MEIN TERE 
KAAM BESHUMAR
KAISE MAIN KAH SAKUN, 
KAISE BAYAAN KARUN
TERA PYAR JO HAI BEINTIHAN
MERI HAR SAANS TERE NAAM SE 
MASIHA HAI JUDI
MERI IS ZINDAGI KI HAR KHUSHI 
MEHERBANI HAI TERI
MEHERBANI HAI TERI -4
TUTA SA, BIKHRA SA, 
THA MAIN YUNHI PADA
BEWAJAH ZINDAGI KO THA JI MAIN RAHA -2
TERA KARAM MUJHPAR HUA HAI
TU MERE JEENE KI WAJAH HAI
MERI HAR SAANS TERE NAAM SE
MASIHA HAI JUDI
MERI IS ZINDAGI KI HAR KHUSHI
MEHERBANI HAI TERI
MEHERBANI HAI TERI -4
DIL ME TU AUR ZUBAAN PE HAI TERA NAAM
TERE HATHON MEIN HAIN MERE JISM-O-JAAN
RAHMAT TERI NA MUJHSE JUDA HO
AISA FAZAL MUJHPE KHUDA HO
MERI HAR SAANS TERE NAAM SE 
MASIHA HAI JUDI
MERI IS ZINDAGI KI HAR KHUSHI 
MEHERBANI HAI TERI
MEHERBANI HAI TERI -4

Alfaz Hain Kam Aankhen Meri Nam

Written by Anish Masih


अलफ़ाज़ = शब्दसमूह, अर्थपूर्ण आवाज़ें जो बोली और लिखी जाएँ

नम = आर्द्र, गीला, तर, आर्द्रता, तरी, नमी, भीगा हुआ

बेशुमार = असंख्य, अनगिनत, जिनकी गिनती न हो सके, बहुत अधिक

बयाँ = जिक्र, चर्चा, विवरण, बात-चीत, वर्णन।

बे-इंतिहा = असीम, अपार, बेहद

मेहरबानी = कृपा, करुणा, तरस, ममता, दया, ध्यान देना, ख़याल करना, अच्छा बर्ताव करना, मेहरबान द्वारा किया हुआ कोई उपकार या अनुग्रह

बे-वजह = बिना किसी वजह या कारण के, निरुद्देश्य, निष्प्रयोजन, अकारण

करम = कृपा, अनुग्रह, दया, मेहरबानी

जिस्म-ओ-जान = तन और मन, शरीर और प्राण

फज़ल = अनुग्रह, कृपा, दया, अधिकता, ज़्यादती 

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