Daag Apne Gunah Ke Masih Ko Lyrics
दाग अपने गुनाह के मसीह को -2
मैं दिखाऊँ तो क्यों न दिखाऊँ? -2
क्यों न दिखाऊँ?
मैं दिखाऊँ तो क्यों न दिखाऊँ? -2
चाहे कोई सुने या सुने न -2
मेरी उम्मीद पूरी करे न -2
द्वार वो जो यक़ीनन खुलेगा -2
खटखटाऊँ तो क्यों न खटखटाऊँ? -2
जिसने मेरे लिए खून बहाया -2
उसका कितनी दफ़ा दिल दुखाया? -2
याद आने पे आँखों से आँसू -2
मैं बहाऊँ तो क्यों न बहाऊँ? -2
जब गरीबी को मेरी पौंछ डाला -2
मैंने भी बस तभी सोच डाला -2
बरकतें दी खुदा ने, जो उनको -2
मैं गिनाऊँ तो क्यों न गिनाऊँ -2
न मिले हैं फ़रिश्तों को भी जो -2
मुफ्त में मिलते हैं जब मुझे वो -2
पाक रूह के इनामों से अपना -2
दिल सजाऊँ तो क्यों न सजाऊँ? -2
लोग तो लोगों की हैं बताते -2
एक दूसरे को नीचा दिखाते -2
तो कलाम-ए-खुदावंद की बातें -2
मैं बताऊँ तो क्यों न बताऊँ? -2
एहदे संदूक को लाते लाते -2
आए दाऊद नाचते गाते -2
उसकी रूह में मगन हो के मैं भी -2
पैर उठाऊँ तो क्यों न उठाऊँ -2
Daag Apne Gunah Ke Masih Ko | Guddu James