25 C
Shimla
Friday, April 26, 2024

Kar Do Nigaah-E-Karam | Moses Gittewar | Qawwali

Kar Do Nigaah-E-Karam | Qawwali

कर दो निगाह-ए-करम, 
मुझ पर मसीहा -2 
आस लगाए हूँ मैं, तुझ पर मसीहा -2 
कर दो निगाह-ए-करम, 
मुझ पर मसीहा -2 
दुनियां ने न मुझको चाहा 
न ही मुझको अपना बनाया 
जिसको मैंने बेहद चाहा 
उसने मुझको ठुकराया -2 
तू ही मेरी आरज़ू है, तू ही है ठिकाना 
तेरे दर पे आ गया हूँ, छोड़कर ज़माना -2 
तेरे दर पे आ गया हूँ, छोड़कर ज़माना
कर दो निगाह-ए-करम, 
मुझ पर मसीहा -2
देता हूँ मैं तुझको दोहाई 
दूर कर मेरी तन्हाई 
अपनी रहमत के खातिर 
दे दे पापों से रिहाई -2 
तू ही मेरी आरज़ू है, तू ही है ठिकाना 
तेरे दर पे आ गया हूँ, छोड़कर ज़माना -2 
तेरे दर पे आ गया हूँ, छोड़कर ज़माना
कर दो निगाह-ए-करम, 
मुझ पर मसीहा -2
तुझसे है ये मेरी गुज़ारिश 
कर दे बरकतों की बारिश 
दूर कर तू हर मुसीबत 
इतनी सी है मेरी ख़वाहिश -2 
तू ही मेरी आरज़ू है, तू ही है ठिकाना 
तेरे दर पे आ गया हूँ, छोड़कर ज़माना -2 
तेरे दर पे आ गया हूँ, छोड़कर ज़माना
कर दो निगाह-ए-करम, 
मुझ पर मसीहा -2

Kar Do Nigaah-E-Karam | Moses Gittewar | Qawwali

spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Low of Leadership

The 21 Irrefutable Laws of Leadership

Follow Them and People Will Follow You (25th Anniversary Edition)

Don't Miss