मैं ज़ुबानें फ़रिश्तों की बोलूं अगर
मेरे दिल में मोहब्बत ही न हो अगर -2
मैं पीतल हूँ एक, ठनठनाता हुआ
एक बे-फल शज़र, लहलहाता हुआ
मैं ज़ुबानें फ़रिश्तों की बोलूं अगर
मेरे ईमान की गर, इंतहा ही न हो
पर मोहब्बत से दिल, आशनाई न हो -2
मेरी मंजिल का मुझको निशाना मिले
गर मोहब्बत न हो मेरे हमसफ़र
मैं ज़ुबानें फ़रिश्तों की बोलूं अगर
माल अपना ग़रीबों में बाटूँ अगर
और बदन भी जलाने को दे दूँ अगर -2
ऐसी नेकी भला, मेरे किस काम की?
बिन मोहब्बत सभी कुछ, ये है बे-असर
मैं ज़ुबानें फ़रिश्तों की बोलूं अगर
गरज़ ईमान, उम्मीद ओ मोहब्बत ही हैं
और तीनों अज़ल से ये दाईन भी हैं -2
पर मोहब्बत का आला मकामिन में है
बिन मोहब्बत कहाँ, जिंदगी का समर?
मैं ज़ुबानें फ़रिश्तों की बोलूं अगर
कौन है जो मोहब्बत की मानिंद हुआ?
है खुदा ही मोहब्बत, मोहब्बत खुदा -2
आओ हम सब मोहब्बत की बातें करें
छोड़ कर शेखियां, और अपने फकर
मैं ज़ुबानें फ़रिश्तों की बोलूं अगर…
Main Zubaanen Farishton Ki Bolun Agar
Mere Dil Me Mohabbat Hi Na Ho Agar -2
Main Peetal Hun Ek, Thanthanata Hua
Ek Be-Fal Shazar, Lehlahata Hua
Main Zubaanen Farishton Ki Bolun Agar
Mere Imaan Ki Gar, Intha Hi Na Ho
Par Mohabbat Se Dil, Aashnaayi Na Ho -2
Meri Manzil Ka Mujhko Nirasha Mile
Gar Mohabbat Na Ho Mere Hamsafar
Main Zubaanen Farishton Ki Bolun Agar
Maal Apna Garibon Me Baatun Agar
Aur Badan Bhi Jalane Ko De Dun Agar -2
Aisi Neki Bhala, Mere Kis Kaam Ki?
Bin Mohabbat Sabhi Kuch, Ye Hai Be-Asar
Main Zubaanen Farishton Ki Bolun Agar
Garaz Imaan, Ummid Aur Mohabbat Hi Hain
Aur Teeno Azal Se Ye Daayin Bhi Hain -2
Par Mohabbat Ka Aala Makamin Me Hai
Bin Mohabbat Kahan, Zindagi Ka Samar?
Main Zubaanen Farishton Ki Bolun Agar
Kaun Hai Jo Mohabbat Ki Maanind Hua?
Hai Khuda Hi Mohabbat, Mohabbat Khuda -2
Aao Ham Sab Mohabbat Ki Baaten Karen
Chhod Kar Shekhiyan, Aur Apne Fakar
Main Zubaanen Farishton Ki Bolun Agar...
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