Mere Mehboob Pyare Masiha
मेरे महबूब प्यारे मसीहा किस जगह तेरा जलवा नहीं है किस जगह तेरी शौहरत नहीं है किस जगह तेरी चर्चा नहीं है
लोग पीते हैं और पी के गिर जाते हैं मैं तो पीता हूँ गिरता नहीं हूँ -2 मैं तो पीता हूँ दर से मसीहा के -2 ये अँगूरों का सीरा नहीं है
मर गयी थी वह याईर की बेटी तूने उस पर निगाह-ए-करम की कर दिया जिन्दा उसको यह कहकर -2 ये तो सोती है, मुर्दा नहीं है
आँख वालों ने तुझको है देखा कान वालों ने तुझको सुना है -2 तुझको पहचानते हैं वो इन्सां -2 जिनकी आँखों में पर्दा नहीं है
जिसमें शामिल न हो इश्क तेरा वह परस्तिश - परस्तिश नहीं है तेरे कदमों पर होता नहीं जो कोई सिज़दा, वह सिज़दा नहीं है
Mere Mehboob Pyare Masiha