Apni Fikren Yahowa Pe Daal
मेरे सिर पर जिसका हाथ रहा है
बचपन से वो मेरे साथ रहा है
मैं भूलके भी ना भुलाता उसे
जो मुझ जैसे अनाथ का नाथ रहा है
अपनी फिक्रें यहोवा पे डाल
उसको वो हटाएगा
तेरी गर्दिश के दिन बन्दे
चुटकी में मिटाएगा
युद्ध दे दे खुदा के हाथ
फिर देख तमाशा तू
दुश्मन हो बली कितना
तेरे कदमों में झुकाएगा
अंधे देखेंगे लंगड़े चलेंगे
गूंगे सुनकर के देंगे जवाब
हाथ होंगे तेरे लेकिन
मोजज़े वो कराएगा
मैं जाऊं कहां कैसे
ये छोड़ दे यीशु पर
पांव उठेंगे तेरे मगर
मंजिल वो दिलाएगा
अब वक्त नहीं ज्यादा
आकर के दुबारा मसीह
अपने खून खरीदों को
बादलों पर उठाएगा