Hadbad Gadbad Karti Duniya Lyrics
हड़बड़ गड़बड़ करती दुनियां रहती गड़बड़खाने में -4 कुछ तो हैं मदहोश नशे में बाकी हैं बुतखाने में -4
बुरा न मानो, सच्ची बातें, कड़वी तो लगती यारों -2 लेकिन सोचो लगे रहोगे, कब तक पाप कमाने में? -2 हड़बड़ गड़बड़, हड़बड़ गड़बड़ हड़बड़ गड़बड़, भैया हड़बड़ गड़बड़, हड़बड़ गड़बड़, अरे क्यों करते हो? हड़बड़ गड़बड़ करती दुनियां…
हमने सुना है लाखों मुंह से, सुनके हमें रोना आया -4 सुन लो अगुवों, गौर से अब तुम सबने जो है कहलाया -2 ऐसे अगुवे क्या सिखलाएंगे जो हमारी तरह हों -4 सुबह को बोले, खुदा की वाणी शाम को हैं मयखाने में हड़बड़ गड़बड़…
बात पते की हम कहते हैं कान ज़रा तुम धर लेना -4 थोड़ी मनादी कभी कभी अपने घर में भी कर लेना -2 उनके बच्चे सबसे ज्यादा बिगड़े हुए मिलते देखो -2 जिनकी सारी उम्र गुज़र गई दूसरों को समझाने में -2 हड़बड़ गड़बड़…
रुपिया, कोठी, कारें, बिज़निस सब चंदे की माया है -4 कल के भिखारी, आज लखपति कैसे, समझ न आया है? -2 झूठे सूठे कागज़ लेकर घूम के कोर्ट, पुलिस थाने -2 चर्च के हाते, कॉलिज, हॉस्टल लगे पड़े बिकवाने में -2 हड़बड़ गड़बड़…
जैसे ही कोई नया सा दिखता उसके पीछे पड़ जाते -4 एक ईसाई को फुसलाकर फिर से ईसाई बनवाते -2 बपतिस्मा, भाषाएँ और विश्वासी का लालच दे -2 दूसरों के चर्चों के मेंबर लगे पड़े तुड़वाने में -2 हड़बड़ गड़बड़…
बिल्डिंग भी है, हाकिम भी है पैसा भी आता रहता -4 स्कूलों में मिशन के देखो फिर भी ताला सा रहता -2 हवामहल हों, दरवाज़े और दीवारों में जख्म लगे -2 ऐसे में क्या दिल करता है पढ़ने और पढ़ाने में -2 हड़बड़ गड़बड़…
कॉन्फ्रेंस के अन्दर के दर्शन तुमको मैं करवाऊँ -2 देख के इनके असली चेहरे जी करता है मर जाऊँ -2 दिन में कीमत जो मिलती है वोटों की उनकी देखो -2 रात में दारु, मुर्गे लेकर पिकनिक चले मनाने में -2 हड़बड़ गड़बड़…
चंदे की हेरा-फेरी में माना तुम खिलाड़ी हो -4 क्या पाते हो, क्या खोओगे जानते नहीं अनाड़ी हो -2 खुदा का पैसा, जिसने मारा उसको देखा है हमने -2 दिल का दौरा, हड्डी टूटे या फिर पागलखाने में -2 बुरा न मानों…
चालें इनकी होतीं ऐसी जैसे बच्चा सांप का हो -4 चर्च में आते, अकड़ के ऐसे जैसे इनके बाप का हो -2 दे जवानों को धोखा ये कहके देते बस तुम हो -2 पर इलेक्शन में लग जाते अपनों को ही जिताने में -2 हड़बड़ गड़बड़…
Hadbad Gadbad Karti Duniya | Guddu James
आओ एक ऐसा मज़हब बनाया जाए -2 जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए
परिंदों में कभी, फिर काम परस्ती नहीं होती -2 अरे कभी मंदिर पे जा बैठे, कभी मस्ज़िद पे जा बैठे