Sahara Mujhko Chahiye
सहारा मुझ को चाहिए सहारा दे मेरे पिता मुझे सम्भाल मैं गिरा -2
कठिन हैं रास्ते बहुत है खतरा हर इक मोड़ पर अंधेरे सायों को मिटा दिखा दे अब मुझे सहर
ये बोझ जो गुनाह का मैं ले के आज चल रहा उठाऐगा अगर कोई वो तू ही तो है ऐ पिता
मैं जिंदगी की राह में अकेले चल न पाऊँगा अगर जो चाहा चल भी लूँ फिसल के गिर ही जाऊँगा
Original Lyrics
सहारा मुझको चाहिए, सहारा दे मुझे ख़ुदा मुझे संभाल मैं गिरा, मुझे संभाल मैं गिरा
कठिन हैं रास्ते बहुत हर एक ही मोड़ पर ख़तर अँधेरे सायों को हटा दिखा दे मुझको अब सहर
जहां के रास्ते पे मैं अकेले चल न पाऊंगा अगर जो चाहा चलना भी फिसल के गिर मैं जाऊंगा
यह बोझ जो गुनाहों का मैं ले के आज चल रहा उतारेगा अगर कोई वह तू ही तो है, ऐ ख़ुदा
(गीत रचना काल 10/1/1955 और रिकॉर्डिंग 23/3/1966)
Sahara Mujhko Chahiye
Singer – Rev. Ahsan Masih
Lyrics – Rev. Ahsan Masih
Music – Vasant Timothy
Recorded at – CARAVS Studio, Jabalpur, M.P. India.