Sashtang Pranam Ham Karte Hain
साष्टांग प्रणाम हम करते हैं
राजा प्रभु यीशु को
तन मन धन अर्पण करते हैं
आये हैं दर्शन को
तुम खाए कोड़े लहूलुहान
कांटे सिर ले हुए महिमावान -2
गिरते थे क्रूस के भार से तुम
मेरे पाप का बोझ उठाये तुम
तुम मुँह ना खोले निंदा सुन
खाते थे मार जनों कि तुम -2
कपड़े फाड़े थूके तुझ पर
मुक्ति लाये तुम धरती पर
तुम क्रूस विराजे थे प्रभुवर
दे प्राण अदा किये मेरे कर्ज -2
कैसे ये प्रेम को जानू मैं
युग युग गुणगान ही गाऊं मैं
तुम खून बहा कर पाप क्षमा
बैठे दाहिने सर्वशक्तिमान -2
आदि वा अनन्त हो तुम ही प्रभु
परमेश्वर ख्रिस्त प्रभु यीशु
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