Duniya Ke Is Safar Me Jab Rahta Lyrics
दुनियां के इस सफ़र में जब रहता -2 कभी मैं रोता, कभी मैं हँसता -2 लेकिन मसीह मेरे साथ साथ चलता -2 दुनियां के इस सफ़र में जब रहता -2
जीवन की यात्रा कितनी कठिन है -2 घोर अन्धकार और भारी तूफान है -2 पग पग में ठोकर आता ही रहता -2 कौन है सम्भाले? और कौन है बचाता? -2
एक ही सहारा मेरा तू मसीह है -2 हर समय मुझ को तू थामे रहता है -2 प्रेम और मधुर आवाज से तू कहता -2 भूल न जाना तू, साथ जो मैं रहता -2
अंतिम समय तक साथ भी तू देता -2 जब सब छोड़े, कभी न तू छोड़ता -2 हमेशा उठाता, और नए बल से भरता -2 ताकि मैं स्थिर रहूँ, यही तू चाहता -2
हृदय की शुद्धता से जब मैं चलता हूँ -2 हाथ मेरे शुद्ध और विवेक में निर्दोष हूँ -2 अचानक कहाँ से दुश्मन आ पड़ता -2 जीवन को दुःख से, निराशा से भरता -2
इसी अनुभव से चलता रहूँगा -2 प्यारे मसीह की ओर ताकता रहूँगा -2 पिछली बातों को मैं दिल से अब भूलता -2 प्रेमी प्रभु मेरे आँसू सब पोंछता -2
Duniya Ke Is Safar Me Jab Rahta | Lazar Sen
Composed by Lazar Sen