Prabhu Khrist Mere Swami Man Ke
प्रभु ख्रिस्त मेरे स्वामी मन के -2
तुम प्रेम मिलन को आ जाओ
मैं भटका राही जीवन में -2
तुम प्रेम मिलन को आ जाओ
ये जीवन पग-पग उजड़ा है
और हर पग-पग में अंधेरा है -2
तुम ज्योति बनो मेरे मन की -2
और मन में ज्योति जला जाओ
ये जीवन कण-कण बिखरा है
और पाप का इसमें बसेरा है -2
दो अपने से वरदान मुझे -2
और प्रेम का राग सिखा जाओ
सोचा न कभी ये भी हमने -2
कितने ही कष्ट सहे तुमने
शैतान ने फंसाया फंदे में -2
तुम आके जरा सुलझा जाओ
ये मन तुम बिन अब प्यासा है
राह तकते नैन सुलगते हैं
तुम तृप्त करो जीवन जल से -2
और मन की प्यास बुझा जाओ